27."दुर्गा जी (अहमदाबाद से)" साँई लीला - अनुभव

साँई लीला
By Durga Ji, Ahmedabad

ये लीला हमसे दुर्गा जी (अहमदाबाद से) ने साझा की है जो कि उनकी माँ के साथ हुई।
उनकी मम्मी की एक earring थी जो वो काफी टाइम से पहनती नहीं थी।
उनको सपना आता है और वो earring उनसे कहती है कि मुझे पहनो। उन्होंने निकाली और पहनी, अगले दिन फिर से box में वापिस रख दिया और table पर रख दी। फिर उनके पापा ने वो box खोला और उसमें से एक earring नीचे गिर जाता है।
सबने काफी ढूंढा और चीज़ें सब इधर उधर की तब भी नहीं मिली।
वो earring गोल्ड और emerald की थी। उनकी मम्मी ने मन में सोचा और बाबा से कहा भी कि "वो कहाँ चली गयी"? बाबा से प्रार्थना भी की और इतना ढूंढने के बाद सबने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि कभी मिलेगी वो।

अब शाम को उनके पिताजी वो earing घर लेकर आये। और वो कैसे हुआ ये भी पढ़ें जो कि चमत्कार से कम नहीं। उनके पिताजी डॉक्टर हैं और उन्होंने पूरा दिन travel भी किया, घर भी आये lunch के लिए, वापिस बाहर गए, drive भी किया, सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक वो travel ही करते रहे।

फिर वो कहीं बैठे हुए थे तो अचानक वो earring सामने ही गिरी, उनकी pant के नीचे के हिस्से में थी वो शायद जहाँ shoes पहनते हैं। जैसे कि वो खुद कह रही हो कि "मैं यहीं हूँ आप मुझे ले लो।"

उनके पिताजी इतना घूमे भी पूरा दिन और वो कहीं भी नहीं गिरी सिर्फ उनके नज़रों के सामने ही गिरी। इस तरह उनको वो earring मिलती है, उनकी मम्मी को बहुत खुशी हुई और उन्होंने कहा भी कि वो गुम कैसे हो सकती है , जो खुद मुझे पहनने को कह रही थी।

साथ ही दुर्गा जी ने एक बहुत ही अच्छी बात कही,
कोई भी चीज़ जो अपने हक की होती है, वो कहीं जाती नहीं मिल ही जाती है, सिर्फ विश्वास की बात है।
उनकी मम्मी को फिर भी बाबा विश्वास था कि शाम तक मिल ही जाएगी।

 ये लीला उन्होंने voice message में शेयर की थी, तो पूरी कोशिश रही मेरी कि मैं same ही लिखूँ, कुछ कमी रही हो तो बाबा माफ करें।

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