4.साईं भक्तरचित काव्य

१.ना गिनकर देता है,
ना तोलकर देता है,
जब भी मेरा ‘साँई' देता है,
दिल खोल कर देता है।…..

!!!!!!!जय जय श्री साँई  नाथ महाराज की जय!!!!!!!!!!

२."मुस्कान तेरे चेहरे की साईं, सब दुःख मुझे भुला देती हैं"
  "कर बंद आँखे करूँ ध्यान तेरा, तेरी याद मुझे हँसा जाती हैं"
  "कोई कहता हैं पागल मुझको, कोई कहे तेरा दीवाना साईं"
  "साईं धाम वाले फ़क़ीरा तेरी, जब से चरणों की धूल माथे हैं लगायी"
  "दुनिया कहती मुझको- तेरा दीवाना साईं - तेरा दीवाना साईं"
 🌹साईं-साईं, साईं-साईं, बाबा-बाबा, मेरा बाबा-साईं, आओ साईं,
  आओ साईं, चरणों शीश नवाऊँ साईं, साईं-साईं, बाबा-साईं, आओ-साईं।🌹

3.❤मेरे साईया❤..

   ये “लकीरें”, ये “नसीब , ये “किस्मत”
   सब “फ़रेब” के “आईनें” हैं,
   “सर” पर तेरा✋ “हाथ” होने से ही
   “मुकम्मल ज़िंदगी” के मायने हैं ll
   !! ॐ साई राम !!

४.किसी को भी आपके सम्बन्ध में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है ।
क्योंकि वो नहीं जानते कि आप किन परिस्थितियों से गुजरे है ।
हो सकता है उन्होंने आपके बारे में दूसरों से कहानियां सुनी हों
परन्तु वह यह नहीं जानते आपके दिल में क्या चल रहा है ।
अतः स्वयं के न्यायाधीश बनिए और आगे बढ़ते रहिये ।।

५.कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती…

दिलों में चाहत हो तो चेहरे यूँ ही निखर आते है..!!

👏👏👏 omsairamji 🌹🌹🌹🌹🌹

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